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स्क्रैप से ‘बनाते थे’ लग्जरी गाडिय़ां

नगर संवाददाता चंडीगढ़, 7 अक्तूबर। क्षतिग्रस्त वाहन के दस्तावेजों के सहारे चोरी की गाडिय़ों को वैध बनाने का कारोबार करने वाले एक अंतर्राज्जीय गिरोह  का पर्दाफाश हो चुका है। गिरोह से बरामद दो करोड़ की 42 लग्जरी गाडिय़ों ने चंडीगढ़ पुलिस  की चिंता और बढ़ा दी है। पुलिस के सामने इस मामले को पूरी तरह […]
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नगर संवाददाता

सेक्टर 26 स्थित पुलिस लाइन में खड़ी चंडीगढ़ पुलिस द्वारा बरामद की गई 42 गाडिय़ां। (इनसेट में कार चोरी के आरोपी) -दैनिक ट्रिब्यून : मनोज महाजन

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चंडीगढ़, 7 अक्तूबर। क्षतिग्रस्त वाहन के दस्तावेजों के सहारे चोरी की गाडिय़ों को वैध बनाने का कारोबार करने वाले एक अंतर्राज्जीय गिरोह  का पर्दाफाश हो चुका है। गिरोह से बरामद दो करोड़ की 42 लग्जरी गाडिय़ों ने चंडीगढ़ पुलिस  की चिंता और बढ़ा दी है।
पुलिस के सामने इस मामले को पूरी तरह सुलझा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पुलिस पहले बीमा कंपनियों के रिकार्ड खंगालेगी और फिर उन गाडिय़ों का पता लगाएगी कि ये किन-किन क्षेत्रों से चोरी हुई और इन पर किन क्षतिग्रस्त गाडिय़ों के नंबर लगाए गए।
ऐसे आए गिरफ्त में
शातिर अपराधी यहां पुलिस लाइन में चंडीगढ़ पुलिस के डीआईजी आलोक कुमार और एसएसपी नौनिहाल सिंह ने पत्रकारों को इस मामले की जानकारी दी। उनके साथ डीएसपी क्राइम सतबीर सिंह, पीसीआर के डीएसपी रौशन लाल सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। एसएसपी नौनिहाल सिंह ने बताया कि पुलिस को सबसे पहले कामयाबी बीती 22 सितंबर को मिली। पुलिस के पास सूचना थी कि बुड़ैल में स्क्रैप डीलर विपिन सड़क हादसों में कंडम गाडिय़ों को  खरीदता है और फिर इन्हीं गाडिय़ों के असली दस्तावेजों के आधार पर वह अपने साथियों के माध्यम से हूबहू वैसी ही गाड़ी मंगवाता और उस पर कंडम गाड़ी के नंबर टेंपर कर उसे सैकंड हैंड में बेच देता था। इस सूचना के आधार पर मनीमाजरा पुलिस ने विपिन को एक सफेद रंग की इनोवा कार के साथ पकड़ा। पुलिस को उसी से ही चंडीगढ़ में कार डीलर गोल्डी के बारे में पता चला। जो कि सेक्टर 7 मार्किट के कार बाजार में डीलर है। इसके बाद पुलिस ने  2 अक्तूबर को सेक्टर 26 बापूधाम कालोनी के रहने वाले कासिम, मोहम्मद नदीम ,आमीर नाम के युुवकों को गिरफ्तार कर लिया।  जिनके खिलाफ पहले से मनीमाजरा थाने में मामला दर्ज था। पुलिस ने इनको चोरी की गाड़ी पर जाली नंबर के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान पता चला था कि विपिन, जोकि चोरी की गाडिय़ों के साथ पकड़ा गया था, वह इनका सरगना है और उसकी बुडै़ल में कबाड़ी की दुकान है। वह पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त गाडिय़ों को कबाड़ के रूप में खरीद कर उसके साथ की मिलती जुलती गाड़ी को चोरी कर क्षतिग्रस्त गाड़ी का नंबर व दस्तावेज उस पर लगा कर ग्राहकों को सस्ते दामों में बेच देते थे। इस तरह पुलिस ने इन से पूछताछ के दौरान चोरी की लग्जरी गाडिय़ां बरामद की हैं। यह गिरोह डीलरों की डिमांड पर भी गाडिय़ां चुराता था।
चंडीगढ़ के केवल दो मामले सुलझे
यहां पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसएसपी नौनिहाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने बरामद किए गए गाडिय़ों के इस भारी जखीरे में से दो ऐसी गाडिय़ां भी बरामद कर ली हैं, जिन्हें बीमा कंपनियों के माध्यम से कबाडि़ए को बेचा गया था और उनकी जगह दो वैसी ही गाडिय़ों को चुरा कर आरोपियों ने उन पर भी जाली नंबर लगा लिया था। पुलिस के अनुसार इस गिरोह के तार बीमा कंपनियों,सर्वे करने वालों के साथ हो सकते हैं। पुलिस विभिन्न पहलुओं पर इसकी जांच कर रही है। बीमा कंपनियों की इस चोरी और फ्राड में भूमिका पर भी सवाल उठने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। बीमा कंपनियां एक ओर से क्षतिग्रस्त वाहनों के मालिकों को नियमानुसार मुआवजे का भुगतान कर देती थी। वहीं वाहन लिफ्टर जब उन्हीं क्षतिग्रस्त वाहनों के इन्जन,चैसिस नंबरों को प्रदर्शित कर दस्तावेजों को चोरी किए गए वाहनों की बिक्री में प्रयोग करते थे। वही बेचने से पूर्व उनका बीमा करवा लेते थे। इससे लगता है कि कार लिफ्टरों और बीमा कंपनियों के कुछ अधिकारियों के बीच सांठगांठ रही होगी।
अपनी किस्म के इस नए शातिराना अपराध की कडिय़ां खुल अवश्य गई हैं लेकिन  इस मसले को सुलझाने के लिए बीमा कंपनियों के रिकार्डों की जांच की जानी है  और दूसरा सबसे बड़ा जोखिम यह कि किस क्षेत्र से गाड़ी चोरी हुई और उस पर किस क्षतिग्रस्त हुई गाड़ी का नंबर लगाया गया। पुलिस ने इस गिरोह से 42 लग्जरी गाडिय़ां बरामद की हैं, जिनका बाजार में कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है। एसएसपी नौनिहाल ङ्क्षसह ने बताया कि आरोपियों ने यूपी, हिमाचल, हरियाणा और पंजाब में गाडिय़ां बेची थी। मेरठ में आरोपियों का साथी काला, मुरादाबाद का कमाल उर्फ पव्वा और इकबाल चोरी गाडिय़ां सप्लाई करने का काम करते थे, जोकि फिलहाल फरार हैं। उन्हें तलाशने के लिए पुलिस विभिन्न राज्यों में पड़ताल कर रही है।

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